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सपनों का बचपन

याद करिए एक बार अपना बचपन कितनी मीठी यादें होंगी उसमें कितने ऐसे पल होंगे जिसे फिर से एक बार जीने को मन करता होगा। क्या कभी अपने स्कूल के दिन कोई भूलता है? मेरे ख्याल से शायद नहीं।तो क्यूं न हम भी ऐसे बच्चे जिन्हे ऐसा बचपन नहीं मिल पा रहा उनकी यादें बनाये। उन्हें भी स्कूल जाने का बस एक मौका दे जिसके वो सच में हकदार है  उनको वो सारी मस्ती करने का मौका मिले जिसे हम सबने जिया है। हमारी और आपकी एक छोटी सी कोशिश से ऐसे बच्चे जो किसी कारणवश पढ़ने लिखने और अच्छी शिक्षा पाने से वंचित  रह गए हैं ,ऐसे बच्चों का भविष्य हम बदल सकते हैं उनकी मदद कर सकते हैं। एक छोटी पहल आपकी और एक बड़ा कदम हमारा और आपका मिल कर उन सपनों को पूरा कर सकता है जो ये बच्चे देखते हैं।

वो कहते हैं न किस्मत से ज़्यादा और समय से पहले कुछ नहीं मिलता है और आज जब इंसान के पास समय नहीं है तो क्यूँ न वो अपनी किस्मत आजमा ले।थोड़ी सी कोशिश से ही हम और आप मिल कर बहुत बच्चों की ज़िन्दगी बदल सकते हैं, उनको वो जीवन दे सकते हैं जिसके वो सच में हकदार हैं बस उनके पास वो सुख -सुविधाए नहीं हैं जो हम लोगों के पास हैं। ये आपकी किस्मत ही है जो आपको मौका दे रही है कि आप ऐसे गरीब बच्चों को पढ़ने लिखने और आगे बढ़ने का साधन बन सकते हैं। हमारी संस्था ऐसे ही गरीब बच्चों की पढ़ाई लिखाई और स्वास्थ्य के लिए  काम करती है।

मुझे उम्मीद है मेरे ये शब्द आपको विचार करने पर एक बार ज़रूर प्रभाव डालेंगे और ऐसे गरीब बच्चों की मदद के लिए आप आगे बढ़ कर आयेंगे क्यूंकि…….

कुछ जाता नहीं है उन चेहरों पर मुस्कान लाने में, जिनकी वजह बेवजह कुछ हसरतें होती है,

पर न जाने क्या भूल हो जाती है उनसे,जो उनकी ख्वाहिशें अधूरी ही रह जाती हैं ,

आ कुछ मदद कर दे उन ख्वाहिशों को पूरी करने में थोड़ा सा वो पा ले, थोड़ा सा जो हम भी दे सके ’’

यामिनी द्विवेदी